बीस वर्षों बाद नैनीताल में हुई रिकॉर्ड बर्फबारी, दर्जनों वाहन फंसे, पेयजल की सप्लाई बंद बीस वर्षों बाद नैनीताल में हुई रिकॉर्ड बर्फबारी, दर्जनों वाहन फंसे, पेयजल की सप्लाई बंद

Feb 07 2022

बीस वर्षों बाद नैनीताल में हुई रिकॉर्ड बर्फबारी, दर्जनों वाहन फंसे, पेयजल की सप्लाई बंद बीस वर्षों बाद नैनीताल में हुई रिकॉर्ड बर्फबारी, दर्जनों वाहन फंसे, पेयजल की सप्लाई बंद

उत्तराखंड। बीते बीस सालों बाद नैनीताल में रिकॉर्ड बर्फबारी होने से जनजीवन ठहर गया है। सड़कों पर जगह-जगह जमा बर्फ से दर्जनों वाहन जहां-तहां फंसे गये हैं। कई जगह पेड़ टूटने से बिजली के तार क्षतिग्रस्त होने से शहर में 36 घंटे से बिजली और पेयजल सप्लाई बंद हो गई। अन्य प्रदेशों से बर्फबारी का लुत्फ लेने आये पर्यटकों के वाहन शहर के बाहर ही रोका जा रहा है। पर्यटक वाहन से उतर कर पैदल नैनीताल शहर में प्रवेश कर रहे हैं।पर्यटक तल्लीताल और माल रोड पर हिमपात का लुत्फ लेकर लौटने पर मजबूर हो रहे हैं।
शेरवानी साईं मंदिर के पास पेड़ की शाखाएं टूटने से वहां खड़ी दो कारें क्षतिग्रस्त हो गईं। यहां बिजली की लाइनें टूटकर सड़क पर गिरी हुई हैं। शहर में जगह-जगह पेड़ टूटे हुए हैं और बिजली की लाइनें क्षतिग्रस्त हैं। माल रोड सहित शहर में जगह-जगह बड़ी संख्या में वाहन फंसे हुए हैं। शहर के भीतर यातायात ठप होने दूध, अखबार और सब्जी जैसे आवश्यक वस्तुओं का वितरण नहीं हो सका। भारी हिमपात के बाद बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा और कई दुकानें बंद रहीं।
मल्लीताल स्थित शेरवानी के निकट मोहन पार्क में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुष्पा रावत के घर के ऊपर पेड़ गिरने से खासा नुकसान हुआ है। जितेंद्र बिष्ट की गौशाला और हरीश बिष्ट का आवास भी क्षतिग्रस्त हो गया है। इन घरों और गौशाला में गिरे देवदार के बड़े पेड़ को फायर ब्रिगेड और एसडीआरएफ की टीम ने वुडकटर मशीन से काटा।


नैनीताल जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी के अनुसार बर्फबारी के कारण नैनीताल-कालाढ़ूगी, नैनीताल-किलबरी-पंगोट, खुटानी-धानाचूली-पहाड़पानी, भवाली-रामगढ़-मुक्तेश्वर, रामगढ़-नथुवाखान, धानाचूली-ओखलकांडा, कसियालेख-बबियाड़-मोथियापातर मोटर मार्ग बंद हैं। मुक्तेश्वर क्षेत्र के सभी ग्रामीण मार्ग और नैनीताल शहर के आंतरिक मार्गों पर भी यातायात ठप है। भीमताल-हल्द्वानी मार्ग पर रानीबाग पुल के पास पत्थर गिरे हैं। लोनिवि की टीमें मार्गों को खोलने में जुटी हुई हैं।
चौबीस घंटों से पर्वतीय क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी ने बीस साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है। भवाली के फरसौली, घोड़ाखाल, मेहरागांव, खुटानी, सौनगांव, कर्कोटक की पहाड़ी, सातताल, भगत्युड़ा, जंगलियागांव, नौकुचियाताल और पतलोट क्षेत्र में बर्फबारी होते देख लोगों के चेहरे खिल उठे। जंगलियागांव के समाजसेवी प्रेम सिंह कुल्याल ने बताया कि 20 साल बाद बर्फबारी देखी है।
हिमपात के चलते सड़कें बंद होने से लोग परेशान हैं। यात्रियों को पैदल ही आवाजाही की तो वाहन चालकों ने वाहनों में ही रात काटी। मुक्तेश्वर, धानाचूली, मनाघेर, पहाड़पानी, भटेलिया क्षेत्र में चार फीट तक बर्फ जमा होने से सड़कों पर वाहनों की लंबी कतार लगी हुई है। लोगों के घरों के दरवाजे तक बर्फ से ढक गए हैं। लोनिवि के जेई केके पाठक ने कहा कि भारी बर्फबारी के कारण वाहनों के आड़े-तिरछे होने से सड़क बंद है। हमारी टीम जेसीबी की मदद से सड़क से बर्फ हटाने में लगी हुई है। देर शाम तक मार्ग खोल दिए जाएंगे।
बर्फबारी देखने के लिए शुक्रवार को बड़ी संख्या में वाहनों की नैनीताल की ओर आने के कारण जाम लगना शुरू हो गया। जाम लगने के कारण यात्रियों को ले जा रही केमू और रोडवेज की बसें भी जाम में फंस गईं। हाईवे पेट्रोलिंग वाहन ने यात्री वाहनों को किसी तरह जाम से निकाला और गंतव्य तक रवाना किया। जाम को देखते हुए शाम को पुलिस ने वाहनों को लौटा दिया।
नैनीताल में भारी बर्फबारी के बाद कमिश्नर दीपक रावत ने क्षेत्र में हालातों का जायजा लिया। साथ ही जिला प्रशासन समेत प्रत्येक विभागीय अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नैनीताल को जोड़ने वाले कालाढूंगी, भवाली और हल्द्वानी तीनों मार्ग खोले जा रहे हैं। बर्फ ज्यादा होने के कारण समय लग रहा है। कहा कि अधिक बर्फबारी के कारण पेड़ गिरने से विद्युत लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इससे विद्युत आपूर्ति बाधित है। जल्द विद्युत व्यवस्था सुचारु हो इसके लिए कर्मचारी काम पर लगे हुए हैं। इसके अतिरिक्त बागेश्वर, पिथौरागढ़, मुनस्यारी में अलर्ट किया गया है। जिला आपदा कंट्रोल रूम हालातों पर निगाह रखे हुए है। जल्द ही व्यवस्था सुचारु की जाएगी।